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कैसे पहचानें कि दैवीय शक्ति आपकी मदद कर रही है, जानिए 11 संकेत

दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके जीवन में दैवीय सहायता मिलती है। किसी को ज्यादा तो किसी को कम। कुछ तो ऐसे हैं जिनके माध्यम से ऊपरी या दैवीय शक्तियां अच्छा काम करवाती हैं। सवाल यह उठता है कि आम व्यक्ति कैसे पहचानें कि उसकी दैवीय शक्तियां मदद कर रही है या उसकी पूजा-पाठ-प्रार्थना का असर हो रहा है? आओ जानते हैं इस बारे में 11 संक्षिप्त जानकारी। 1. अच्छा चरित्र शास्त्र कहते हैं कि दैवीय शक्तियां सिर्फ उसकी ही मदद करती है, जो दूसरों के दुख को समझता है, जो बुराइयों से दूर रहता है, जो नकारात्मक विचारों से दूर रहता है, जो नियमित अपने ईष्ट की आराधना करता है या जो पुण्य के काम में लगा हुआ है। यदि आप समझते हैं कि मैं ऐसा ही हूं तो निश्‍चित ही दैवीय शक्तियां आपकी मदद कर रही हैं। आपको बस थोड़ा सा इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि आप अच्छे मार्ग पर हैं और आपको ऊपरी शक्तियां देख रही हैं। 2. ब्रह्म मुहूर्त विद्वान लोग कहते हैं कि यदि आपकी आंखें प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में अर्थात रात्रि 3 से 5 के बीच अचानक ही खुल जाती हैं तो आप समझ जाएं कि दैवीय शक्तियां आपके साथ हैं, क्योंकि यही वह

Ekadashi Rules : एकादशी व्रत करने से पूर्व जा‍न लीजिए ये 7 खास नियम

जानिए एकादशी व्रत-उपवास के 7 खास नियम प्रतिमाह शुक्ल और कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन एकादशी तिथि मनाई जाती है। एकादशी व्रत-उपवास का महत्व तीनों लोक में प्रसिद्ध है। अगर आप किसी भी तरह के श्राप, पितृ दोष से ग्रसित है, तो उससे मुक्ति पाने के लिए यह दिन बहुत खास है। एकादशी व्रत करने के कुछ खास नियम हमारे पौराणिक शास्त्रों में दिए गए हैं। आइए जानें... एकादशी व्रत के खास नियम :- * शुक्ल या कृष्ण एकादशी के एक दिन पूर्व यानी दशमी तिथि को रात्रि में एकादशी व्रत करने का संकल्प करना चाहिए। * अगले दिन सुबह स्नानादि सभी क्रियाओं से निवृत्त होकर भगवान श्रीहरि विष्णु तथा लक्ष्मी नारायण जी के स्वरूप का ध्यान करते हुए शुद्ध घी का दीपक, नैवेद्य, धूप, पुष्‍प तथा फल आदि पूजन सामग्री लेकर पवित्र एवं सच्चे भाव से पूजा-अर्चना करना चाहिए। * इस दिन गरीब, असहाय अथवा भूखे व्यक्ति को अन्न का दान, भोजन कराना चाहिए तथा प्यास से व्याकुल व्यक्ति को जल पिलाना चाहिए। * रात्रि में विष्‍णु मंदिर में दीप दान करते हुए कीर्तन तथा जागरण करना चाहिए। * एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को अपनी क्षमतानुसार ब्राह्मण तथा गर

गरुड़ पुराण की बस 1 बात ध्यान में रख ली तो धन बरसेगा, सौभाग्य चमकेगा

गरुड़ पुराण के बारे में सभी जानते होंगे। ऐसा नहीं है कि गरुड़ पुराण में सिर्फ डराने या नरर्क की ही बाते हैं। किसी के यहां कोई मौत हो जाती है तभी गरुड़ पुराण पढ़ा जाता है लेकिन यदि आप यूं ही एक बार गरुढ़ पुराण पढ़ लेंगे तो आपको बहुत लाभ होगा और जीवन और मौत से जुड़ी बातों की आपको जानकारी मिलेगी। गरुड़ पुराण में स्वर्ग, नरक, पाप, पुण्य के अलावा भी बहुत कुछ है। उसमें ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और धर्म की बाते हैं। गरुड़ पुराण में एक ओर जहां मौत का रहस्य है जो दूसरी ओर जीवन का रहस्य छिपा हुआ है। गरुड़ पुराण की हजारों बातों में से एक बात यह भी है कि  यदि आप अमीर, धनवान या सौभाग्यशाली बनना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप साफ-सुथरे, सुंदर और सुगंधित कपड़े पहनें। गरुण पुराण के अनुसार उन लोगों का सौभाग्य नष्ट हो जाता है जो गंदे वस्त्र पहनते हैं। जिस घर में ऐसे लोग होते हैं जो गंदे वस्त्र पहनते हैं उस घर में कभी भी लक्ष्मी नहीं आती है। जिसके कारण उस घर से सौभाग्य भी चला जाता है और दरिद्रता का निवास हो जाता है। देखा गया है कि जो लोग धन और सभी सुख-सुविधाओं से संपन्न हैं,

सपनों की दुनिया से जुड़े 25 रोचक तथ्य जानिये

सपनों की दुनिया अक्सर हम अपने सपनों में वो देखते हैं जो दिनभर सोचा हो या कभी-कभी जो ना सोचो वैसे सपने भी आ जाते है. हर इंसान अपने सपनों के मतलब को जानना, समझना चाहता है लेकिन जवाब हर किसी को मिले ये जरूरी तो नहीं. आइये जानते हैं सपनों से जुड़ी कुछ बातें.. आप सपनों में पढ़ नहीं सकते, यहां तक कि सपने में दिख रही घड़ी से समय देखना भी आपके लिए बेहद मुश्किल होगा. अगर कोई इन्सान आप को कहता है कि उसे सपने नही आते ते इसका मतलब वह अपने सपने भूल चुका है. लोग कहते हैं अगर आप अपने सपनों में मर जाते हैं तो असल ज़िंदगी में भी मर जाते हैं. लेकिन ये सिर्फ़ एक झूठ है. आप अपने सपनों में भले ही मर जाएं, लेकिन असल ज़िंदगी में उन्हें अपने दोस्तों के साथ साझा करने के लिए हमेशा जीवित रहते हैं. . एक औसतन इन्सान रात में 4 सपने और एक साल में 1,460 सपने देखता है. . कुछ अध्ययन बताते हैं कि खर्राटे लेना और सपने देखना एक ही समय में मुमकिन नहीं है. . यहां तक कि नेत्रहीन व्यक्ति भी सपने देखते हैं. जो लोग जन्म से ही अंधता के शिकार हो जाते हैं वे अपने सपनों में दृश्य नहीं देख सकते, लेकिन उनक

इस कहानी से आप पता लगा सकते है की भगवान आपके साथ हैं या नहीं

  प्रेरणात्मक कहानी इस कहानी से आप पता लगा सकते है की  भगवान आपके साथ हैं या नहीं      कहते है भगवान हर जगह है बस देखना का नजरिया होना चाहिए हमारा भारत देश में कई भगवान को पूजा जाता है आज हम आपके लिए एक भक्त और भगवान एक अनोखी कहानी लेकर आए है जिसे सुनने के बाद आपकी भगवान के प्रति भगती कई ज्यदा बढ़ जाएगी. जन्म से पहले बच्चा भगवान से कहता है की प्रभु आप मुझे नया जन्म मत दीजिए मुझे प्रथ्वी पर बुरे लोग रहते है में वहा बिकुल भी नही जाना चाहता हुआ और यह कहकर बच्चा उदास हो कर बैठ गया. भगवन ने स्नेहपूर्वक उसके सिर पर हाथ फेरते हैं और सृष्टि के नियम अनुसार उसको जन्म लेने का महत्व बताते है कुछ देर मना करने के बाद बच्चा मान जाता है लेकिन वह कहता है की आप को मुझ से एक वादा करना होगा. भगवान-:  बोलो पुत्र तुम क्या चाहते हो? बच्चा -:  आप वचन दीजिए जब तक में प्रथ्वी पर रहूगा आप मेरे साथ रहोगे. भगवान-:  अवश्य ऐसा ही होगा. बच्चा -:  पर प्रर्थ्वी आप तो अदृश्य जाते है मुझे कैसे पता चलेगा की आप मेरे साथ में हो. भगवान-:  जब तुम आखे बंद करोगे तब तुम्हे मेरे पैरो के चिन्ह दिखाई

#Are Dwarpalo Krishna Bhajan By Lakhbir Singh Lakkha - Khul Gaye Taale

Jai Sita Ram ji. Complete knowledge of Ramayana and Bhagavad Gita. Think High Achieve High. Knowledge_4_Success. Achieve your Goal.

"फूटा घड़ा"

Jai Sita Ram ji . Knowledge for Success Path finder. Think Positive Achive your Goals. *🌹💗जय श्री राम 💗🌹* *💐"फूटा घड़ा"*💐 बहुत समय पहले की बात है, किसी गाँव में एक किसान रहता  था। वह रोज़ भोर में उठकर दूर  झरनों से स्वच्छ पानी लेने जाया   करता था। इस काम के लिए वह  अपने साथ दो बड़े घड़े ले जाता  था। जिन्हें वो डंडे में बाँध कर  अपने कंधे पर दोनों ओर लटका  लेता था। उनमे से एक घड़ा कहीं से फूटा  हुआ था और दूसरा एक दम  सही  था . इस  वजह  से  रोज़  घर  पहुँचते -पहुचते  किसान  के  पास  डेढ़  घड़ा   पानी  ही बच  पाता  था .ऐसा  दो  सालों  से  चल  रहा  था . सही  घड़े  को  इस  बात  का  घमंड  था  कि  वो  पूरा  का  पूरा  पानी  घर  पहुंचता  है  और  उसके  अन्दर  कोई  कमी  नहीं  है  ,  वहीँ  दूसरी  तरफ  फूटा  घड़ा  इस  बात  से  शर्मिंदा  रहता  था  कि  वो  आधा  पानी  ही  घर  तक  पंहुचा   पाता  है  और  किसान  की  मेहनत  बेकार  चली  जाती  है .   फूटा घड़ा ये  सब  सोच  कर  बहुत  परेशान  रहने  लगा  और  एक  दिन  उससे  रहा  नहीं  गया , उसने  किसान   से  कहा , “ मैं  खुद  पर