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Showing posts from May 29, 2020

कैसे पहचानें कि दैवीय शक्ति आपकी मदद कर रही है, जानिए 11 संकेत

दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके जीवन में दैवीय सहायता मिलती है। किसी को ज्यादा तो किसी को कम। कुछ तो ऐसे हैं जिनके माध्यम से ऊपरी या दैवीय शक्तियां अच्छा काम करवाती हैं। सवाल यह उठता है कि आम व्यक्ति कैसे पहचानें कि उसकी दैवीय शक्तियां मदद कर रही है या उसकी पूजा-पाठ-प्रार्थना का असर हो रहा है? आओ जानते हैं इस बारे में 11 संक्षिप्त जानकारी। 1. अच्छा चरित्र शास्त्र कहते हैं कि दैवीय शक्तियां सिर्फ उसकी ही मदद करती है, जो दूसरों के दुख को समझता है, जो बुराइयों से दूर रहता है, जो नकारात्मक विचारों से दूर रहता है, जो नियमित अपने ईष्ट की आराधना करता है या जो पुण्य के काम में लगा हुआ है। यदि आप समझते हैं कि मैं ऐसा ही हूं तो निश्‍चित ही दैवीय शक्तियां आपकी मदद कर रही हैं। आपको बस थोड़ा सा इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि आप अच्छे मार्ग पर हैं और आपको ऊपरी शक्तियां देख रही हैं। 2. ब्रह्म मुहूर्त विद्वान लोग कहते हैं कि यदि आपकी आंखें प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में अर्थात रात्रि 3 से 5 के बीच अचानक ही खुल जाती हैं तो आप समझ जाएं कि दैवीय शक्तियां आपके साथ हैं, क्योंकि यही वह

Ekadashi Rules : एकादशी व्रत करने से पूर्व जा‍न लीजिए ये 7 खास नियम

जानिए एकादशी व्रत-उपवास के 7 खास नियम प्रतिमाह शुक्ल और कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन एकादशी तिथि मनाई जाती है। एकादशी व्रत-उपवास का महत्व तीनों लोक में प्रसिद्ध है। अगर आप किसी भी तरह के श्राप, पितृ दोष से ग्रसित है, तो उससे मुक्ति पाने के लिए यह दिन बहुत खास है। एकादशी व्रत करने के कुछ खास नियम हमारे पौराणिक शास्त्रों में दिए गए हैं। आइए जानें... एकादशी व्रत के खास नियम :- * शुक्ल या कृष्ण एकादशी के एक दिन पूर्व यानी दशमी तिथि को रात्रि में एकादशी व्रत करने का संकल्प करना चाहिए। * अगले दिन सुबह स्नानादि सभी क्रियाओं से निवृत्त होकर भगवान श्रीहरि विष्णु तथा लक्ष्मी नारायण जी के स्वरूप का ध्यान करते हुए शुद्ध घी का दीपक, नैवेद्य, धूप, पुष्‍प तथा फल आदि पूजन सामग्री लेकर पवित्र एवं सच्चे भाव से पूजा-अर्चना करना चाहिए। * इस दिन गरीब, असहाय अथवा भूखे व्यक्ति को अन्न का दान, भोजन कराना चाहिए तथा प्यास से व्याकुल व्यक्ति को जल पिलाना चाहिए। * रात्रि में विष्‍णु मंदिर में दीप दान करते हुए कीर्तन तथा जागरण करना चाहिए। * एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को अपनी क्षमतानुसार ब्राह्मण तथा गर

गरुड़ पुराण की बस 1 बात ध्यान में रख ली तो धन बरसेगा, सौभाग्य चमकेगा

गरुड़ पुराण के बारे में सभी जानते होंगे। ऐसा नहीं है कि गरुड़ पुराण में सिर्फ डराने या नरर्क की ही बाते हैं। किसी के यहां कोई मौत हो जाती है तभी गरुड़ पुराण पढ़ा जाता है लेकिन यदि आप यूं ही एक बार गरुढ़ पुराण पढ़ लेंगे तो आपको बहुत लाभ होगा और जीवन और मौत से जुड़ी बातों की आपको जानकारी मिलेगी। गरुड़ पुराण में स्वर्ग, नरक, पाप, पुण्य के अलावा भी बहुत कुछ है। उसमें ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और धर्म की बाते हैं। गरुड़ पुराण में एक ओर जहां मौत का रहस्य है जो दूसरी ओर जीवन का रहस्य छिपा हुआ है। गरुड़ पुराण की हजारों बातों में से एक बात यह भी है कि  यदि आप अमीर, धनवान या सौभाग्यशाली बनना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप साफ-सुथरे, सुंदर और सुगंधित कपड़े पहनें। गरुण पुराण के अनुसार उन लोगों का सौभाग्य नष्ट हो जाता है जो गंदे वस्त्र पहनते हैं। जिस घर में ऐसे लोग होते हैं जो गंदे वस्त्र पहनते हैं उस घर में कभी भी लक्ष्मी नहीं आती है। जिसके कारण उस घर से सौभाग्य भी चला जाता है और दरिद्रता का निवास हो जाता है। देखा गया है कि जो लोग धन और सभी सुख-सुविधाओं से संपन्न हैं,