दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके जीवन में दैवीय सहायता मिलती है। किसी को ज्यादा तो किसी को कम। कुछ तो ऐसे हैं जिनके माध्यम से ऊपरी या दैवीय शक्तियां अच्छा काम करवाती हैं। सवाल यह उठता है कि आम व्यक्ति कैसे पहचानें कि उसकी दैवीय शक्तियां मदद कर रही है या उसकी पूजा-पाठ-प्रार्थना का असर हो रहा है? आओ जानते हैं इस बारे में 11 संक्षिप्त जानकारी।
1. अच्छा चरित्र
शास्त्र कहते हैं कि दैवीय शक्तियां सिर्फ उसकी ही मदद करती है, जो दूसरों के दुख को समझता है, जो बुराइयों से दूर रहता है, जो नकारात्मक विचारों से दूर रहता है, जो नियमित अपने ईष्ट की आराधना करता है या जो पुण्य के काम में लगा हुआ है। यदि आप समझते हैं कि मैं ऐसा ही हूं तो निश्चित ही दैवीय शक्तियां आपकी मदद कर रही हैं। आपको बस थोड़ा सा इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि आप अच्छे मार्ग पर हैं और आपको ऊपरी शक्तियां देख रही हैं।
2. ब्रह्म मुहूर्त
विद्वान लोग कहते हैं कि यदि आपकी आंखें प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में अर्थात रात्रि 3 से 5 के बीच अचानक ही खुल जाती हैं तो आप समझ जाएं कि दैवीय शक्तियां आपके साथ हैं, क्योंकि यही वह समय होता है जबकि देवता लोग जाग्रत रहते हैं। यदि आप अपने बचपन से लेकर जवानी तक इस समय के बीच उठते रहे हैं तो समझ जाएं कि दैवीय शक्तियां आपके माध्यम से कुछ करवाना चाहती हैं या कि वे आपको एक अच्छी आत्मा समझकर यह संकेत दे रही हैं कि अब उठ जाओ। यह जीवन सोने के लिए नहीं है। आपको दुनिया में बहुत कुछ करना है। यह भी कहा जाता है कि सत्व गुण प्रधान लोग इस काल में स्वत: ही उठ जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य कहा गया है। यह अमृत वेला होती है। कहते हैं कि इस काल में दुनिया के मात्र 13 प्रतिशत लोगों की ही नींद खुलती है।
3. सपने में देव दर्शन
यदि आपको बारंबार मंदिर या किसी देव स्थान के ही सपने आते रहते हैं। सपने में आप आसमान में ही उड़ते रहते हैं या सपने में आप देवी-देवताओं से वार्तालाप करते रहते हैं तो आप समझ जाइए कि दैवीय शक्तियां आप पर मेहरबान हैं।
4. पूर्वाभास
यदि आपको आने वाली घटनाओं का पहले से ही ज्ञान हो जाता है या आपको पूर्वाभास हो जाता है तो आप समझ जाइए कि दैवीय शक्तियों की आप पर कृपा है।
5. पारिवारिक प्रेम
आपकी पत्नी, बेटा, बेटी और आपके सभी परिजन आपकी आज्ञा का पालन कर रहे हैं, वे सभी आपसे प्यार करते हैं एवं आप भी उनसे प्यार कर रहे हैं तो आप समझ जाइए कि दैवीय शक्तियां आप से प्रसन्न हैं।
6. भाग्य से भी तेज
जीवन में आपको अचानक से लाभ प्राप्त हो जाता है। आपके किसी भी कार्य में किसी भी प्रकार की आपको बाधा उत्पन्न नहीं होती है और सभी कुछ आपको बहुत आसानी से मिल जाता है, तो आप समझ जाइए कि दैवीय शक्तियां आपकी मदद कर रही हैं।
7. सुगंधित वातावरण का अहसास
यदि कभी-कभी आपको यह महसूस होता है कि मेरे आसपास कोई है या आपको बिना किसी कारण ही अपने आसपास सुगंध का अहसास हो तो समझ जाइए कि अलौकिक शक्तियां आपके आसपास आपकी मदद के लिए हैं।
8. सुहानी हवा
आप पूजा कर रहे हैं और यदि आपको लगे कि अचानक सुहानी हवा का झोंका या प्रकाश पुंज आ गया और शरीर में सिहरन दौड़ने लगे। ऐसा तो पहले कभी हुआ नहीं तो समझिए कि देवी या देवता आप पर प्रसन्न हैं।
9. ठंडी हवा का घेरा
भूमि पर रहते हुए भी कभी-कभी आपको यह अहसास हो कि मेरे आसपास बादल या ठंडी हवा का एक पुंज है जिसने मुझे घेरा हुआ है तो आप समझ जाइए कि अलौकिक या दैवीय शक्ति ने आपको घेर रखा है। ऐसा अक्सर बहुत ज्यादा पूजा-पाठ करने वाले व्यक्ति के साथ होता है।
10. रोशनी का पुंज
अचानक ही आपको तेज रोशनी का पुंज दिखाई दे जिसकी कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते या आपको अचानक ही कानों में मधुर संगीत सुनाई दे और आप आश्चर्य करें कि यहां आसपास तो कोई संगीत बज ही नहीं रहा फिर भी वह कानों में सीटी बजने की तरह सुनाई दे, तो आप समझ जाइए कि आप दैवीय शक्ति के सान्निध्य में हैं। ऐसा अक्सर उन लोगों के साथ होता है, जो निरंतर ही अपने ईष्टदेव का मंत्र जप कर रहे होते हैं।
11. किसी की आवाज सुनाई देना
आप रात्रि में गहरी नींद में सो रहे हैं और आपको लगता है कि किसी ने मुझे आवाज दी और आप अचानक ही उठ जाते हैं, लेकिन फिर आपको आभास होता है कि यहां तो कोई नहीं है। लेकिन आवाज तो स्पष्ट थी। ऐसा आपके साथ कई बार हो जाता है तो आप समझ जाइए कि आप पर किसी अलौकिक शक्ति की मेहरबानी है। ऐसे में आप हनुमानजी का ध्यान करें और धन्यवाद दें।
यह कथा सुनकर आपके ह्रदय में भगवान के लिए प्रेम जरूर जागेगा। एक बार की बात है। एक संत जंगल में कुटिया बना कर रहते थे और भगवान श्री कृष्ण का भजन करते थे। संत को यकीं था कि एक ना एक दिन मेरे भगवान श्री कृष्ण मुझे साक्षात् दर्शन जरूर देंगे। उसी जंगल में एक शिकारी आया। उस शिकारी ने संत कि कुटिया देखी। वह कुटिया में गया और उसने संत को प्रणाम किया और पूछा कि आप कौन हैं और आप यहाँ क्या कर रहे हैं। संत ने सोचा यदि मैं इससे कहूंगा कि भगवान श्री कृष्ण के इंतजार में बैठा हूँ। उनका दर्शन मुझे किसी प्रकार से हो जाये। तो शायद इसको ये बात समझ में नहीं आएगी। संत ने दूसरा उपाय सोचा। संत ने किरात से पूछा- भैया! पहले आप बताओ कि आप कौन हो और यहाँ किसलिए आते हो? उस किरात(शिकारी) ने कहा कि मैं एक शिकारी हूँ और यहाँ शिकार के लिए आया हूँ। संत ने तुरंत उसी की भाषा में कहा मैं भी एक शिकारी हूँ और अपने शिकार के लिए यहाँ आया हूँ। शिकार ने पूछा- अच्छा संत जी, आप ये बताइये आपका शिकार दिखता कैसे है? आपके शिकार का नाम क्या है? हो सकता है कि मैं आपकी मदद कर दूँ? संत ने सोचा इसे कैसे बताऊ, फिर भी संत कह...
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