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ज्योतिष और स्वास्थ्य: चंद्रमा के अशुभ होने से होती है सर्दी, जुकाम और सांस की बीमारी

ज्योतिष और स्वास्थ्य: चंद्रमा के अशुभ होने से होती है सर्दी, जुकाम और सांस की बीमारी ज्योतिष का सेहत से गहरा नाता है. जब ग्रहों की दशा बदलती है तो उसका मनुष्य पर भी पड़ता है. ग्रह जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को रोग भी प्रदान करते हैं. चंद्रमा के अशुभ होने से ये रोग होते हैं. By : Knowledge_4_success_ | 09 Jun 2020 04:25 PM (IST) Astrology And Health: कोरोना वायरस से फैली महामारी से पूरी दुनिया परेशान है. कोरोना वायरस ने भारत में भी कहर फैला रखा है. मौसम बदल रहा है. पंचांग के अुनसार ज्येष्ठ माह समाप्त हो चुका है और आषाढ़ आरंभ हो चुका है. ये वो समय होता है जब संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि इस समय मौसम में गर्मी भी होती है और नमी भी होती है जिस कारण वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमारियों के होने की संभावना बनी रहती है. इसलिए इससे बचने की जरुरत है. ग्रहों का बीमारियों से संबंध इस समय सर्दी और जुकाम की दिक्कत लोगों को अधिक होता है. जब भी मौसम बदलता है तो ये ऐसी बीमारी है जो लोगों को सबसे जल्दी होती है. इस समय कोरोना का भी खतरा बना हुआ है ऐसे में सर्तकता बहुत जरुरी है. च

Chanakya Niti: भाग्य को न दें दोष, भाग्य भी उन्हीं का साथ देता है जिनमें होती है ये बात

Chanakya Niti: भाग्य को न दें दोष, भाग्य भी उन्हीं का साथ देता है जिनमें होती है ये बात Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति असफलताओं के लिए अपने भाग्य को कोसता है वह कभी सफल नहीं हो पाता है. By : Knowledge_4_success_ | 09 Jun 2020 03:11 PM (IST) Chanakya Niti Hindi: चाणक्य के अनुसार व्यक्ति का जीवन दिन और रात के समान है. यहां दिन और रात का तात्पर्य सुख और दुख से है. यानि जिस प्रकार से रात के बाद दिन का होना सुनिश्चित है उसी प्रकार से दुख के बाद सुख के क्षण आना निश्चित हैं. आचार्य चाणक्य स्वयं में एक विद्वान थे और उन्होंने समाज को प्रभावित करने वाले सभी कारकों का गहराई से अध्ययन किया था. मनुष्य की सफलता में बाधक बनने वाले तत्वों का भी उन्होंने बारीकी से अध्ययन किया था. मनुष्यों के अध्ययन के आधार पर चाणक्य ने पाया कि सफलता उसी व्यक्ति को मिलती है जो असफलताओं से नहीं घबराता है. वहीं सफलता न मिलने पर जो भाग्य को दोष देते हैं उनका आत्मविश्वास कमजोर होता है. जिस कारण ऐसे लोग सफलता के स्वाद को चखने के लिए तरसते रहते हैं. इसलिए चाणक्य की इन बातों को हमेशा ध्यान में रख

महाभारत की ये तीन महिलाएं जिनके बगैर महाभारत की कथा अधूरी है

महाभारत की ये तीन महिलाएं जिनके बगैर महाभारत की कथा अधूरी है Mahabharat Yudh In Hindi: महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में भले ही पुरुषों ने लड़ा था, लेकिन महाभारत की कथा इन महिलाओं के बिना अधूरी है. आइए जानते हैं इन प्रमुख महिलाओं के बारे में.. By : knowlege_4_success | 09 Jun 2020 03:38 PM (IST) Mahabharata story: महाभारत के युद्ध के पीछे कोई एक वजह नहीं थी. इसके पीछे कई वजह थी. लेकिन इनमें महत्वाकांक्षा, पुत्रमोह और अपमान का बदला लेना प्रमुख था. सभी जानते हैं कि राजा धृतराष्ट्र अपने पुत्र दुर्योधन के मोह में इस कदर लिप्त हो गए कि वे उसे हस्तिनापुर का राजा बनाने के लिए उचित और अनुचित में भेद नहीं कर पाए. दुर्योधन महत्वाकांक्षा के सागर में इस कदर डूब गया कि उसे दूसरों के अधिकारों का हनन करने में आनंद आने लगा था. उसने मर्यादा को ताक पर रख दिया. भरे दरबार में चीर हरण जैसा कृत्य उसकी महत्वाकाक्षाओं की पराकाष्ठा का प्रर्दशित करता है. महाभारत के युद्ध में महिलाओं की भूमिका भी अहम रही. गांधारी गांधारी गांधारराज सुबल की पुत्री थी. भीष्म को जब ये बात पता चली कि गांधार देश की राजकुमारी सब लक्षणो

10 June Birthday Horoscope: सूर्य की तरह चमकता है भाग्य, जिनका आज है Happy Birthday

10 June Birthday Horoscope: सूर्य की तरह चमकता है भाग्य, जिनका आज है Happy Birthday Numerology Horoscope: 10 जून यानि आज के दिन जिन लोगों का जन्म दिन है वे कई मामलों में भाग्यशाली होते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में. By : knowledge_4_success | 09 Jun 2020 05:37 PM (IST) 10 June Happy Birthday: 10 अंक को अंक ज्योतिष का प्रथम अंक माना गया है. इसका मूलांक 1 होता है. अंक ज्योतिष में 1 अंक का स्वामी सूर्य को माना गया है. ज्योषित शास्त्र सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है. सूर्य कभी न रूकने और थकने वाले ग्रह हैं. सूर्य आत्मा के कारक भी हैं. इसलिए आज के दिन जन्म लेने वालों में सूर्य ग्रह की प्रधानता पाई जाती है. राजाओं की तरह होती है जीवनशैली आज के दिन जन्म लेने वाले राजाओं की तरह जीवन जीना पसंद करते हैं. इनका बोलने और उठने- बैठने का अंदाज दूसरों जुदा होता है. इन्हें स्वच्छता पसंद है. ये लोग अनुुशासन प्रिय होते हैं. इन्हें बिना मकसद के कोई भी कार्य करना अच्छा नहीं लगता है. ये सभी को साथ लेकर चलने वाले होते हैं. इनमें बड़प्पन का गुण पाया जाता है. ये पिता या बड़े भाई जैसा बर्ताब करते हैं. ऐस

मंगलवार: हनुमान जी के 108 नामों को पढ़ने से आएगी अच्छी नींद, इन दिक्कतों से मिलेगी निजात

मंगलवार: हनुमान जी के 108 नामों को पढ़ने से आएगी अच्छी नींद, इन दिक्कतों से मिलेगी निजात By: Knowledge_4_success 09 Jun 2020 07:15 PM (IST) मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन माना जाता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के कष्ठ दूर होते हैं. क्योंकि हनुमान जी को संकटमोचक माना गया है. हनुमान जी की पूजा और उपासना का विशेष महत्व है. लेकिन हनुमान जी एक ऐसे भगवान हैं जिनके संपूर्ण नाम लेने से ही उनकी कृपा प्राप्त होती है. हनुमान जी अपने भक्तों का कष्ट नहीं देख सकते हैं इसलिए जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करता है उससे वे प्रसन्न रहते हैं. आज मंगलवार है और हनुमान जी की रात्रि पूजा का भी विशेष महत्व है. जो लोग दिन में किसी कारण से सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ से वंचित रह गए हैं वे रात में सोने से पहले इन नामों को लेने से भी हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. नाम लेने से लाभ जिन लोगों को रात में नींद नहीं आनी की समस्या है वे इसे नित्य कर सकते हैं. वहीं अगर बुरे सपने आते हैं या फिर किसी अज्ञात से भय रहता है तो रात में सोने से पहले हनुमान जी

भगवान विष्णु के 24 अवतार कौन से हैं, जानिए

भगवान विष्णु के 24 अवतार कौन से हैं, जानिए जब-जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान अवतार लेकर उस संकट को दूर करते हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु ने कई बार पृथ्वी पर अवतार लिया है। भगवान विष्णु के 24 वें अवतार के बारे में कहा जाता है कि‘कल्कि अवतार’के रूप में उनका आना सुनिश्चित है। उनके 23 अवतार अब तक पृथ्वी पर अवतरित हो चुके हैं। इन 24 अवतार में से 10 अवतार विष्णु जी के मुख्य अवतार माने जाते हैं। यह है मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार. कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार, कल्कि अवतार। आइए जानें विस्तार से....  1- श्री सनकादि मुनि : धर्म ग्रंथों के अनुसार सृष्टि के आरंभ में लोक पितामह ब्रह्मा ने अनेक लोकों की रचना करने की इच्छा से घोर तपस्या की। उनके तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने तप अर्थ वाले सन नाम से युक्त होकर सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नाम के चार मुनियों के रूप में अवतार लिया। ये चारों प्राकट्य काल से ही मोक्ष मार्ग परायण, ध्यान में तल्लीन रहने वाले, नित्यसिद्ध एवं नित्य विरक्त थे। ये भगवान वि

श्री हनुमान चालीसा

श्री हनुमान चालीसा दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुण्डल कुँचित केसा हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे काँधे मूँज जनेउ साजे शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जग वंदन बिद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मन बसिया सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा भीम रूप धरि असुर सँहारे रामचन्द्र के काज सँवारे लाय सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई सहस बदन तुम्हरो जस गावैं अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा रा