"The Ramayana was composed in Sanskrit, probably not before 300 bce, by the poet Valmiki and in its present form consists of some 24,000 couplets divided into seven books"
रामायण संस्कृत में रचा गया था, शायद 300 ईसा पूर्व से पहले नहीं, कवि वाल्मीकि द्वारा और अपने मौजूदा स्वरूप में सात पुस्तकों में विभाजित कुछ 24,000 दोहे के होते हैं
यह कथा सुनकर आपके ह्रदय में भगवान के लिए प्रेम जरूर जागेगा। एक बार की बात है। एक संत जंगल में कुटिया बना कर रहते थे और भगवान श्री कृष्ण का भजन करते थे। संत को यकीं था कि एक ना एक दिन मेरे भगवान श्री कृष्ण मुझे साक्षात् दर्शन जरूर देंगे। उसी जंगल में एक शिकारी आया। उस शिकारी ने संत कि कुटिया देखी। वह कुटिया में गया और उसने संत को प्रणाम किया और पूछा कि आप कौन हैं और आप यहाँ क्या कर रहे हैं। संत ने सोचा यदि मैं इससे कहूंगा कि भगवान श्री कृष्ण के इंतजार में बैठा हूँ। उनका दर्शन मुझे किसी प्रकार से हो जाये। तो शायद इसको ये बात समझ में नहीं आएगी। संत ने दूसरा उपाय सोचा। संत ने किरात से पूछा- भैया! पहले आप बताओ कि आप कौन हो और यहाँ किसलिए आते हो? उस किरात(शिकारी) ने कहा कि मैं एक शिकारी हूँ और यहाँ शिकार के लिए आया हूँ। संत ने तुरंत उसी की भाषा में कहा मैं भी एक शिकारी हूँ और अपने शिकार के लिए यहाँ आया हूँ। शिकार ने पूछा- अच्छा संत जी, आप ये बताइये आपका शिकार दिखता कैसे है? आपके शिकार का नाम क्या है? हो सकता है कि मैं आपकी मदद कर दूँ? संत ने सोचा इसे कैसे बताऊ, फिर भी संत कह...
Comments